Interim BUDGET 2024 : विस्तार से जानिए कौन-कौन से सेक्टर होंगे फैसले के दायरे में?
1 फरवरी को होने वाले Interim BUDGET 2024 के दिन हम जानेंगे कि इस बार के बजट से कौन-कौन सी एक्सपेक्टेशन पूरी हो सकती हैं और कौन से सेक्टर हैं जो इस बजट के आने के बाद अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं।”2024 के बजट के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर क्या हो सकता है? इस लेख में हम विभिन्न क्षेत्रों की अपेक्षाएं और बजट से जुड़े मुख्य तथ्यों को विश्लेषित करेंगे। इसके साथ ही, बजट दिन के ट्रेडिंग के लिए सुझाव और निवेश की संभावनाएं भी जानें। अपने इंवेस्टमेंट और ट्रेडिंग की रणनीति को सुधारने के लिए इस लेख को पढ़ें।”
बजट का विश्लेषण :
सबसे पहले, इस बार का बजट कुछ अलग है क्योंकि 2024 में जनरल इलेक्शंस होने हैं। इसके कारण सरकार पूरा बजट एक साथ प्रस्तुत नहीं कर सकती है, इसलिए गवर्नमेंट इंटरम बजट प्रस्तुत करेगी। इस बजट का प्रभाव मई महीने तक रहेगा, जब तक की नेक्स्ट गवर्नमेंट इलेक्ट ना हो जाए।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का बूस्ट : Interim BUDGET 2024
पिछले 10 सालों में, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सरकार ने बहुत ही बड़ी प्रगति की है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने रोड कनेक्टिविटी, नेशनल हाईवेज, एयरपोर्ट्स, और रेलवे सेक्टर में मेजर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की फोकस की है। इससे भारत ने आज 99 प्रतिशत रूरल रोड कनेक्टिविटी अचीव कर ली है और 74 एयरपोर्ट्स बिल्ड किए गए हैं।
रेलवे सेक्टर में भी काफी काम हुआ है और इसके परिणामस्वरूप, 2023 में रेलवे सेक्टर ने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस किया है। क्या आपके पोर्टफोलियो में कोई रेलवे कंपनी का स्टॉक है?
सेंट्रल गवर्नमेंट ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर काफी ध्यान दिया है। यह सेक्टर एक ऐसा है जिसका बूस्ट होना अन्य सभी सेक्टरों को भी प्रभावित करता है। चाहे वह पावर सेक्टर हो, टैक्स सेक्टर हो, या मेडिकल सेक्टर हो। एक अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर देश के अन्य सभी क्षेत्रों को सुचारू बना देता है।
सेंट्रल गवर्नमेंट ने फाइनेंशियल ईयर 23 एंड 24 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा बजट आवंटित किया है। इसमें कैपिटल एक्सपेंडिचर को 33 प्रतिशत इंक्रीज मिली है, जिससे करीब 10 लाख करोड़ का निवेश हुआ है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के अंदर भी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट किया है, जिससे प्रोजेक्ट्स की एफिशिएंसी में वृद्धि हुई है।
पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर : Interim BUDGET 2024
पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर ने भी बहुत अच्छे रिटर्न्स दिए हैं, और सरकार इसे बड़े बजट के साथ समर्थन दे रही है। नई पहल में, प्रधानमंत्री ने सूर्योदय योजना को लॉन्च किया है, जिसमें 2026 तक 1 करोड़ सोलर पैनल्स इंस्टॉल करने का लक्ष्य है। इससे सोलर एनर्जी को बड़ा बूस्ट मिलने की आशा है।
इस रूपरेखा में, भारत के विभिन्न सेक्टरों में सरकार का समर्थन बताता है कि आने वाले बजट में भी सेंट्रल गवर्नमेंट इन सेक्टरों को और बेहतरीन स्थिति में ले कर आ सकती है, जिससे देश को एक सशक्त और सुरक्षित आर्थिक आधार मिल सकता है।
फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर : Interim BUDGET 2024
इस सेक्टर ने पिछले कई सालों से सरकार से अपने रिसर्च और डेवलपमेंट के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने की मांग की है। टारगेट के रूप में 2047 तक इस सेक्टर का व्यक्तिगत लक्ष्य 400 से लेकर 450 बिलियन डॉलर है, और 2030 तक इसे $30 बिलियन तक पहुंचाना चाहा जा रहा है।
हालांकि, कैपेक्स या कैपिटल एक्सपेंडिचर की दृष्टि से इस सेक्टर का हमारी GDP के साथ अनुपात केवल 1.8 पर है, जो कि वैश्विक औसत 6 से काफी कम है। इस साल के बजट में सुना जा रहा है कि सरकार इस सेक्टर में कैपेक्स को बढ़ा सकती है और हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1.8 से बढ़ाकर सरकार इसे 2.5 तक पहुंचा सकती है, जिससे सेक्टर को एक बड़ी बूस्ट मिल सकती है।
इसके अलावा, Interim BUDGET 2024 में फिस्कल डेफिसिट और कैपेक्स को बढ़ाने का प्रयास हो सकता है, जिससे इस सेक्टर में और भी विकास हो सकता है। फिस्कल डेफिसिट का अनुमान 5.9 है और सरकार इसे 5.3 तक घटा सकती है, जिससे सामान्य अर्थशास्त्र के अनुसार सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
विभिन्न सेक्टरों में बूस्ट
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी गवर्नमेंट के सहारे में है, जिसमें बहुत सारी प्रमोशनल स्कीम्स लॉन्च की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप, इंडिया ने मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट में 2023 में लगभग 447 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है, जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है।
अब हम आगे बढ़ते हैं और ओवरऑल इंडियन इकॉनमी की बात करते हैं, क्योंकि जैसी हमारी इंडियन इकॉनमी परफॉर्म करेगी, हमारे स्टॉक मार्केट्स भी उसी रुझान में बदलेंगे। इस बार के बजट से मुख्यत: तीन चीजें एक्सपेक्टेड हैं, जिनमें पहला है कैपेक्स यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर और फिस्कल डेफिसिट, दूसरा है डिवेटमेंट, और तीसरा है टैक्स रिलेटेड एसओपीज।
डिवेटमेंट की बात करते हैं, यह उपाय है जिससे सरकार नए और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर सकती है। इसमें बजट में विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश की जा सकती है, जिससे रोजगार सृजना और विभिन्न क्षेत्रों में विकास हो सकता है।
टैक्स रिलेटेड एसओ पीज के माध्यम से सरकार विभिन्न टैक्स योजनाओं को सुधारकर और आम जनता के लिए अधिक सहुलियतें प्रदान करके विकास को बढ़ावा देने का काम कर सकती है।इसके अलावा, बजट से संबंधित यह आशा है कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कैपेक्स बढ़ा सकती है जिससे विभिन्न उद्योगों में विकास हो सकता है और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।
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Interim BUDGET 2024 के दिन अगर आप ट्रेड करना चाहते हैं, तो आपको ध्यान रखना होगा कि बजट के दिन बाजार में वोलेटिलिटी बढ़ती है, और आपको सावधानीपूर्वक ट्रेड करना चाहिए क्योंकि अचानक के बदलाव से नुकसान हो सकता है।बजट के बाद भी अगर आपमें स्टॉक मार्केट्स के प्रति रुझान है और आप निवेश करना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपने अच्छी तरह से अनुसंधान किया है और आपकी निवेश स्ट्रैटेजी धीमी है।
निष्कर्ष
ये बजट शॉर्ट टर्म पीरियड के लिए है, इससे किसी भी सेक्टर में उत्कृष्ट वृद्धि की उम्मीद नहीं है, लेकिन यह हमें गवर्नमेंट के इंटेंट को समझने में मदद कर सकता है। देखते हैं कि इस बार के बजट से कौन-कौन से सेक्टर ग्रोथ को मिल सकती हैं।
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